5 सितंबर: एपी में नया चक्रवात तुफान आएगा, भारी बारिश का पूर्वानुमान
New Cyclone will hit AP
आंध्र प्रदेश हाई कोर्टबाढ़ प्रभावित से2 दिन की छुट्टी घोषणा करना पड़ा *
( बीएसएन रेडड्डी )
विजयवाडा : New Cyclone will hit AP: (आंध्र प्रदेश) मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार 5 सितंबर को आंध्र प्रदेश में फिर से भारी बारिश का पूर्वानुमान बताया !
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे आंध्र प्रदेश के लोगों को मौसम विभाग की ओर से एक और चेतावनी मिली है।
विशाखापत्तनम मौसम कार्यालय ने संकेत दिया है कि इस महीने की 5 तारीख को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नई निम्न दबाव वाली चक्रवर्ती तूफान बनने की संभावना है, जिससे तटीय जिलों में भारी वर्षा हो सकती है कहा।
मौसम विभाग ने आगे बताया कि 5 सितंबर को बनने वाला कम दबाव का सिस्टम धीरे-धीरे चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। एक बार चक्रवात के रूप में मजबूत होने पर, इसके उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के बीच टकराने की आशंका है। नतीजतन, तटीय क्षेत्र के इलाकों में फिर से भारी बारिश होने की संभावना है।
इस बीच वर्तमान बारिश के कारण कृष्णा नदी उफान पर है और उग्र बहाव के साथ में बह रही है. प्रकाशम बैराज में रिकॉर्ड बाढ़ का प्रवाह देखा जा रहा है, जिससे विजयवाड़ा लगभग 30% क्षेत्र में जल जमाव हो गया है जो लगातार 24 घंटे से यहां हालात है।
घरों में बाढ़ का पानी घुसने से निवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने पीने के पानी और भोजन की कमी पर नाराजगी व्यक्त की है। वे अब तक कोई सहायता नहीं मिलने की बात कहते हुए सरकार की निष्क्रियता और वालंटियर व्यवस्था को खत्म करने की वजह से समय पर सूचना और संदेश का समाधान सरकार नहीं कर पाई जिससे एकदम ऐसी बुरी हालत बन गई की रातों-रातमकान में8 से 9 10 फीट तक पानी भर गयालोगों को चो के ऊपर या अगले मंजिल पर लोगों को पहुंचना पड़ाइसके अलावा मवेशियों जिसके पास है वह भी चो पर चढ़ने के लिए मजबूर हो गएजिसकी वर्तमान एनडीए सरकार की आलोचना कर रहे हैं. दूसरी ओर, रिपोर्टों से पता चलता है कि हाल ही में आई बाढ़ के कारण लगभग 20 लोगों की जान चली गई है।
एक तेलुगू देशम के हार्डकोर नेता युवा वर्ग से समाचार पत्र को अपना परिचय पत्र दिखाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार फैलियुअर सरकार है एनडीए सरकार नहीं है मुख्यमंत्री चंद्रबाबू आए जरूरत है लेकिन उन्होंने स्टीमर में बैठकर पूरी सुरक्षा के साथ आकर हाथ हिलाते हुए चले गएमैं भी बाढ़ का प्रभावित हूं मेरा घर भी प्रभावित हुआ है ऐसा कहकर उन्होंने किसी मीडिया को दिए गए बयान से लोग और बौखलाए यह सोचने लगे कि वर्तमान सरकार हमें कोई सहायता नहीं कर सकता हैउसके बाद आकर्षित होकर नारेबाजी करना चालू किया
अमरावती राजधानी में हाई कोर्ट के बाढ़ प्रभावित हुआ ।
कल 1 तारीख को चंद्रबाबू सुबह बाढ़ प्रभावित इलाका कादौरा किया था वही वाईएस जगन मोहन रेड्डी पूर्व मुख्यमंत्री 12 से 2:00 बजे के बीच बाढ़ प्रभावित इलाका का दौरा किया उस दौरान में भारी भीड़ के साथ उनको हालात और वर्तमान समस्याऔर सरकार की सहायता से जुड़ीअसमंजस्ता और असहयोग व्यवस्था का पूरा बयान किया । जनता का शिकायत है हम लोग कई बार सूचित करने के बाद भी सैकड़ो बार फोन करने के बाद भी कोई सरकारी कर्मचारी अधिकारी हमारी कोई सुनने वाला नहीं हैना तो हमें समय परवोट या नाव की व्यवस्था किया यहां तक की दूध आधा लीटर ₹80 में खरीदना पड़ रहा है वह भी बड़ी मुश्किल सेअनाज भी नहीं मिल रहा है इस तारीख समस्याओं को पूर्व मुख्यमंत्री को अवगत कराने के बादजब जगनमोहन रेड्डी प्रेस वार्ता से वर्तमान स्थिति के बयान किया उसके बाद सरकार साकेत में आकरवायु सेवा का सहयोग लिया भोजन के पैकेट .खाने के फल केले आदि हेली कॉप्टर के माध्यम से भेजने की व्यवस्था की जबकि बाढ़ प्रभावित होने की गुंजाइश ही नहीं मौसम विभाग ने 24 घंटे पहले ही सूचना दिया था कि भारी संभावना बाढ़ की बन सकती है सुरक्षित जगहों के लिए व्यवस्था कर दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।
अब दूसरी तरफ यह हाल है राजधानीअमरावती के डुबान क्षेत्र में हाई कोर्ट भी प्रभावित हुआ हाई कोर्ट में घुटने भर पानी ग्राउंड फ्लोर में आ गया सारे कागजात महत्वपूर्ण दस्तावेज वगैरा अगली मंजिल पर तथा टेबलों के ऊपर चढ़ा दिया गया मौसम विभाग का कार्यालय एसआरएम परिसर में जो स्थित है पहले दिन मौसम से प्रभावित हुआ था बाद में पानी के निकासी के बाद अब ठीक हुआ ।
इधर विशाखापट्टनम और हैदराबाद के मौसम विभाग की सूचना अनुसार 1903 में सबसे ज्यादा बारिश हुआ था इसी तरह का जल भराव हो गया थाअब उसके बाद 1969 मेंठीक इसी तरह भारी बारिश के वजह से विजयवाड़ा अमरावती तटीय इलाके कोंडविदु नाला तेज बारिश से इसी तरह पूरा पानी भर गया था जो सप्ताह भर तक काम नहीं हुआ जिस पूर्वानुमान के वजह से आंध्र प्रदेश की राजधानी का निर्माण शिवराम कृष्णान कमेटी ने कहा भी था की राजधानी के लिए उपयुक्त जगह नहीं है क्योंकिइसके इर्द-गिर्द मेंकृष्णा नदी का बहाव के साथ-साथ इसके ऊपर दो बांध बने हैंतथा पूरा तीन फसल होने वाला जमीन है इसे सुरक्षित रखते हुए
किसी अन्य जगह में स्थानांतरित कर राजधानी बनाना जरूरी है " वरना जान और धन की हानि भी संभावना " व्यक्त किया था . क्योंकि राजधानी या जीवनभर के लिए बनाने का है चंद दिनों का नहीं और वर्तमान स्थिति से देखते हुए कभी भी मौसम का अपना रूप बदलने की वजह सेलाखों लोगों को परेशानी में डालने से अच्छा यही है कि ऊंचे स्थान पर और अन्य स्थान पर तत्काल स्थानांतरित करने का निर्देश देते हुए दोनों कुंडा के पास स्थितकंक्रीट और गठीली जमीन उत्तम स्थान है वहां बनाने का अनुरोध भी किया था डीजल और पानी के लिए कृष्णा नदी से लिफ्टकिया जा सकता है यह भी सलाह दी थी लेकिन उन सारे देश के अनुभव ज्यूडिशरी लेवल की कमेटी के निर्देश कोवर्तमान सरकार उसे समयडर किनारा करते हुए अपने जिद में है धर्मिता से अमरावती को ही चुनावऔर यह दोबारा इस बाढ़ की स्थिति से लोगों में भयभीत भी हैइस पर निर्णय लिया जाना बहुत आवश्यक है कहते हुए तेलुगू जनता पार्टी और अन्य राजनीतिक दलकई बार घोषणा भी कर चुके थे अब देखना यह हैकि अब सरकार भविष्य के लिए क्या सोचती है और क्या निर्णय लेती हैजो जनहित में जनता के लिए जनहानि जनमत के अनुसार ही राजधानी का मुख्यालय स्थाई होना चाहिए होने से बचने के लिए योजना बनाना चाहिए इन सारी परिस्थितियों को समझते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व्यास जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम मेंराजधानी मुख्यालय का एडमिनिस्ट्रेशन हेडक्वार्टर बनाने का निर्णय लियाऔर तीनों प्रांत मेंतीन मुख्य सचिवालय के कार्यालय भी बनाकर संचालन करने की एक योजना बनाई थीअब देखना यह है कि यह सरकार क्या करती है और किस तरह की योजना बनाती हैकहते हुए तेलुगु जनता पार्टी के वेंकटेश्वर राव ने समाचार को उक्त बातें प्रेस को बताया ।
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